Qawwali Title Mohammed Ke Shaher Mein
Qawwali Artist Aslam Sabri
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Mohammed Ke Shaher Mein Lyrics

Jab Mera Jazb-e-junoon Auj Ka Zeena Hoga, X2
Phelnay Aur Simatnay Ka Kareena Hoga,
Ya Madinay Mein, Samajaye Gee Sari Duniya,
Ya Zamanay Mein Madina Hee Madina Ho Ga.

Ya Nabi Aapke Jalwon Mein Woh Ranaayi Hai, X2
Dekhnay Par Bhi Meri Aankh Tamanayi Hai,

Haq-taala Bhi Kareem, Aur Mohammed Bhi Kareem,
Do Kareemon Mein Gunahgaar Ki Bann Aayi Hai.

Mohammed Ke Shaher Mein, Mohammed Kay Shaher Mein
Mohammed Ke Shaher Mein, Mohammed Kay Shaher Mein.

Kyon Aa Kay Roo Raha Hai, Mohammed Ke Shaher Mein X2
Har Dard Ki Dawa Hai, Mohammed Ke Shaher Mein. X2

Muhammed Kyshahar Mein, Muhammad Ke Sheher Main
Muhammed K Sheher Mein, Muhammad Ke Shahar Main

Dukh Dard-o-alam Gham Katt-tay Hain, X2
Hasnain Ke Sadqay Batt-tay Hain,
Mohammed Ke Shaher Mein, Mohammed Ke Shaher Mein.
Mohammed Ke Shaher Mein, Mohammed Ke Shaher Mein.

Kuch Aisi Bheed Lagjaati Hai Shah-e-deen Ke Rozay Par,
Hawaa Ko Raasta Mushkil Say Milta Hai,
Muhammad Ke Shahar Main, Mohammed Ke Shaher Mein
Muhammad Ke Shahar Main, Mohammed Ke Shaher Mein

Ghamon Se Jab Bhi Tabiyet Malool Hoti Hai,
Toh Shaabgaam Banaam-e-Rasool Hoti Hai,
Ho Jis Dua Mein Mohammed Ka Waasta Shaamil,
Huzoor-e-haq Mein Yakeenan Qubool Hoti Hai,
Mohammed Ke Shaher Mein, Mohammed Ke Shaher Mein.
Mohammed Ke Shaher Mein, Mohammed Ke Shaher Mein

Hawwaayen Bhi Adab Kay Saath Chalti Hain,
Mohammed Ke Shaher Mein, Mohammed Ke Shaher Mein.
Mohammed Ke Shaher Mein, Mohammed Ke Shaher Mein.

Haath Mein Tasbeeh, Baghal Mein Musalla,
Lab Pe Jaari Allah, Allah,
Kehti Hui Pohunchi Baitullah,
Aur Pukaari Aye Mere Allah,

Too Gada Ko Jo Nawaaze Toh Shahenshah Banay,
Aur Yateemon Ko Jo Chahe Toh Payyambar Karde,
Aye Mere Allah…..

[Toh Awaz Aayi: Pagli]

Mere Parde Mein Wehdat Ke Siwa Kya Hai,
Jaa Jo Tujhe Lena Hai Lay,
Mohammed Ke Shaher Mein, Mohammed Ke Shaher Mein.
Mohammed Ke Shaher Mein, Mohammed Ke Shaher Mein.

Meray Baray Mein Kuch Irshaad Kiya Jayega, X2
Dil-e-nashaad Ko Phir Shaad Kiya Jayeega,
Mein Yeh Umeed Lagaye Huwey Betha Hoon Hazoor,
Aik Baar Aur Mujhay Yaad Kiya Jayega,
Mohammed Ke Shaher Mein, Mohammed Ke Shaher Mein.
Mohammed Ke Shaher Mein, Mohammed Ke Shaher Mein.

Aao Gunahgaaro Chalo Sarr Ke Ball Chalein, X3
Chalo Sarr Ke Ball Chalen, X6
Wahan Sarr Jhukatay Hein Auleeya, X2
Wahan Paoon Rakhna Rawa Nahin,
Chalo Sarr Ke Ball Chalen… X2

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Mohammad Ke Shahar Mein Hindi Lyrics

जब मेरा जस्बे जुनू ओज का जिना होगा
फैलने और सिमटने का करीना होगा
या मदीने में समा जाएगी सारी दुनिया
या ज़माने में मदीना ही मदीना होगा

या नबी आपके जलवों में वो रानाई है
देखने पर भी मेरी आँख तमन्नाई है
हक़ताआला भी करीम और मुहम्मद भी करीम
दो करिमों ने गुनाहगार की बनवाई है
मोहम्मद के शहर में
मोहम्मद के शहर में
मोहम्मद के शहर में
मोहम्मद के शहर में

क्यूँ आके रो रहा है मुहम्मद के शहर में
क्यूँ आके रो रहा है मुहम्मद के शहर में
हर दर्द की दावा है दावा…..
हर दर्द की दावा है मुहम्मद के शहर में
मोहम्मद के शहर में
मोहम्मद के शहर में
मोहम्मद के शहर में
मोहम्मद के शहर में

दुःख, दर्द-ओ-अलम, ग़म कटते है
दुःख, दर्द-ओ-अलम, ग़म कटते है
हसनैन के सदके बटते है
मोहम्मद के शहर में
मोहम्मद के शहर में
मोहम्मद के शहर में
मोहम्मद के शहर में

कुछ ऐसी भीड़ लग जाती है शाह-ए-दी के रोज़े पर
हवा को रास्ता मुश्किल से मिलता है
मोहम्मद के शहर में
मोहम्मद के शहर में
मोहम्मद के शहर में
मोहम्मद के शहर में

ग़मों से जब भी तबियत मलूल होती है
तो शाद काम बनाम-ए-रसूल होती है
हो जिस दुआँ में मुहम्मद का वास्ता शामिल
हुजुर-ए-हक वो यक़ीनन कुबूल होती है
मोहम्मद के शहर में
मोहम्मद के शहर में
मोहम्मद के शहर में
मोहम्मद के शहर में

हवाएँ भी अदाब के साथ चली है
मोहम्मद के शहर में
मोहम्मद के शहर में
मोहम्मद के शहर में
मोहम्मद के शहर में

हाथ में तस्बी बगल में मुसल्ला
लब पे जारी अल्लाह अल्लाह
कहती हुई पहुची बेतुल्ला
और पुकारी ऐ मेरे अल्लाह

तू गदा को जो नवाजे तो शहंशाह बने
और यतीमों को जो चाहे तो पयम्बर कर दे
ऐ मेरे अल्लाह

तो आवाज आई – पगली
मेरे पर्दे में वेहदत के सिवा क्या है
जा जो तुझे लेना है ले
मोहम्मद के शहर में
मोहम्मद के शहर में
मोहम्मद के शहर में
मोहम्मद के शहर में

मेरे बारे में कुछ इरशाद किया जाएगा
मेरे बारे में कुछ इरशाद किया जाएगा
दिल-ए-नाशाद को फिर शाद किया जाएगा
मैं ये उम्मीद लगाए हुए बैठा हूँ हुजुर
एक बार और मुझे याद किया जाएगा
मोहम्मद के शहर में
मोहम्मद के शहर में
मोहम्मद के शहर में
मोहम्मद के शहर में

आओ गुनाहगारों चलो सर के बल चले
आओ गुनाहगारों चलो सर के बल चले
चलो सर के बल चले
हाँ चलो सर के बल चले
चलो चलो सर के बल चले

वहाँ सर झुकाते है ओलिया
वहाँ सर झुकाते है ओलिया
वहाँ पाँव रखना रवा नहीं
चलो सर के बल चले
चलो सर के बल चले
चलो सर के बल चले
चलो सर के बल चले

नाजा है हुस्न पे वो हुस्न-ए-रसूल है
ये कहकशा तो आपके कदमों की धुल है
ऐ रहम-ए-रवामे शौक
चलो सर के बल चले
चलो सर के बल चले
चलो सर के बल चले
चलो सर के बल चले

बजाना ऐ इरफा को हकीकत की खबर क्या
जो आपसे वाकिफ ना हो वो एहल-ए-नज़र क्या
मंजूर-ए-नज़र कौन हुआ इसकी खबर क्या
वो फजल पे आ जाए तो फिर ऐब हुनर क्या
कामिल को दर-ए-यार के सजदों से ना रोको
कुर्बान जहाँ दिल हो वहाँ कीमत-ए-सर क्या
चलो सर के बल चले
चलो सर के बल चले
चलो सर के बल चले
चलो सर के बल चले

आओ गुनाहगारों चलो सर के बल चले
आओ गुनाहगारों चलो सर के बल चले
तौबा का दर खुला है
तौबा का दर खुला है मोहम्मद के शहर में
तौबा का दर खुला है मोहम्मद के शहर में
तौबा का दर खुला है मोहम्मद के शहर में

क़दमों ने उनके खाक को कुंदन बना दिया
क़दमों ने उनके खाक को कुंदन बना दिया

तेरी निगाह से जररे भी मेहर-ओ-मा बने
गदाए बेसरो सामान जहाँ पनाह बने
हुजुर के ही करम ने मुझे तसल्ली दी
हुजुर ही मेरे ग़म में मेरी पनाह बने

जमाना बज्द कुना अब भी उनके तौक में है
जमाना बज्द कुना अब भी उनके तौक में है
जो कोहो दस्त कभी तेरी जलवा गाह बने
वो ही मक़ाम मोहब्बत की जलवा गाह बने
जहां जहां से वो गुजरे जहां जहां पहुचे

क़दमों ने उनके खाक को कुंदन बना दिया
क़दमों ने उनके खाक को कुंदन बना दिया
मिट्टी भी कीमिया है
मिट्टी भी कीमिया है मोहम्मद के शहर में
मिट्टी भी कीमिया है मोहम्मद के शहर में
मिट्टी भी कीमिया है मोहम्मद के शहर में

सदका लुटा रहा है खुदा उनके नाम का
सदका लुटा रहा है खुदा उनके नाम का
सोना निकल रहा है
सोना निकल रहा है मोहम्मद के शहर में
सोना निकल रहा है मोहम्मद के शहर में
सोना निकल रहा है मोहम्मद के शहर में

सब तो झुके है खाना-ए-काबा के सामने
सब तो झुके है खाना-ए-काबा के सामने

हाजिओं आओ शहंशाह का रोज़ा देखो
काबा तो देख चुके काबे का काबा देखो
मदीना वो है के काबा भी सजदा करता है
काबा खुद तैबा की जानिब झुकता लगता है
काबे का काबा सरकार का रोज़ा लगता है
फुल गुलाब का आपके चेहरे जैसा लगता है
और चमकता चाँद नबी का तलवा लगता है

सब तो झुके है खाना-ए-काबा के सामने
सब तो झुके है खाना-ए-काबा के सामने
काबा झुका हुआ है
काबा झुका हुआ है मोहम्मद के शहर में
काबा झुका हुआ है मोहम्मद के शहर में
काबा झुका हुआ है मोहम्मद के शहर में

साया नहीं है गुम्बद-ए-खिजरा का आज भी
साया नहीं है गुम्बद-ए-खिजरा का आज भी

खिंचा कुछ इस निराली शान से नक्शा मोहम्मद का
के नक्काशे अजल भी हो गया शयदा मोहम्मद का
कोई जा देखता अक्स-ए-कदे बाला मोहम्मद का
सरापा नूर था वो कामत-ए-जेबा मोहम्मद का
किसी बाईस नज़र आता ना था साया मोहम्मद का

साया नहीं है गुम्बद-ए-खिजरा का आज भी
साया नहीं है गुम्बद-ए-खिजरा का आज भी

मैं तुझे आलम-ए-असिया में भी पा लेता हूं
लोग कहते है के है आलम-ए-बाला तेरा
एक बार और भी असरब से फलस्तीन में आ
रास्ता देखती है मस्जिद-ए-अक्सा तेरा

पुरे अद्से में खड़ा हूं ये करम है तेरा
मुझको झुके नहीं देता है सहारा तेरा
लोग कहते है के साया तेरे पयकर का ना था
मैं तो कहता हूं जहाँ भर पे है साया तेरा

यहाँ तक शौक-ए-दीदार-ए-नबी था हकताआला को
उन्हें भेजा यहाँ वहा रख लिया साया

साया नहीं है गुम्बद-ए-खिजरा का आज भी
साया नहीं है गुम्बद-ए-खिजरा का आज भी
जिंदा ये मोजजा है
जिंदा ये मोजजा है मोहम्मद के शहर में
जिंदा ये मोजजा है मोहम्मद के शहर में
जिंदा ये मोजजा है मोहम्मद के शहर में

ढूंढा खुदा को ढूंढने वालों ने हर जगह
ढूंढा खुदा को ढूंढने वालों ने हर जगह
लेकिन खुदा मिल है मिला
लेकिन खुदा मिल है मोहम्मद के शहर में
लेकिन खुदा मिल है मोहम्मद के शहर में
लेकिन खुदा मिल है मोहम्मद के शहर में

खुदा अजल से हुआ ऐसा मुतला-ए-रसूल
के कायनात को पैदा किया बराए रसूल
दिलों को भा गए कुछ इस तरहा अदा-ए-रसूल
के जान-ओ-दिल सहाबा हुए फ़िदा-ए-रसूल

दिलों निगाह की दुनिया में ऐसे छाए रसूल
के कायनात की हर शय में जगमगाए रसूल
अगर हुजुर ना होते तो कुछ नहो होता
ये कायनात बनाई गई बराए रसूल

मालू जबी पे बसाओं मैं अपनी आँखों में
मिले नसीब से मुझको जो खाक के पाय रसूल
मोहम्मद के शहर में
मोहम्मद के शहर में
मोहम्मद के शहर में
मोहम्मद के शहर में

बाब-ए-असर खुला है मोहम्मद के शहर में
मकबूल हर दुआँ है मोहम्मद के शहर में
खुशियों का दर खुला है मोहम्मद के शहर में
क्यूँ ग़मजदा खड़ा है मोहम्मद के शहर में

बहर-ए-सलाम आते है हर दम मलाएका
बहर-ए-सलाम आते है हर दम मलाएका
जारी ये सिलसिला है
जारी ये सिलसिला है मोहम्मद के शहर में
जारी ये सिलसिला है मोहम्मद के शहर में
जारी ये सिलसिला है मोहम्मद के शहर में

हर सुबह खुशनुमा है मोहम्मद के शहर में
हर शाम दिलरुबा है मोहम्मद के शहर में
दिल का सुकून, रूह की तस्कीन, नज़र का नूर
बिखरा हुआ पड़ा है मोहम्मद के शहर में

अल्लाह हरे मस्जिद-ए-नबवी की ये रौनके
जन्नत का दर खुला है मोहम्मद के शहर में
हर जख्म के लिए यहाँ मरहम है दस्त-ए-यार
हर दर्द की दावा है मोहम्मद के शहर में

इस सरजमी के खार भी फूलों के काम नहीं
कांटा भी गुल नुमा है मोहम्मद के शहर में
दुनिया में उसने देख ली जन्नत बचश्म-ए-खुद
जो रह के आ गया है मोहम्मद के शहर में

शहर-ए-नबी की हद का तहायून महाल है
शहर-ए-नबी की हद का तहायून महाल है
आलम बसा हुआ है
आलम बसा हुआ है मोहम्मद के शहर में
आलम बसा हुआ है मोहम्मद के शहर में
आलम बसा हुआ है मोहम्मद के शहर में

पे पर्दा सबके सामने चमका खुदा का नूर
बु जहल फिर भी देख ना पाया खुदा का नूर
अर्श-ए-बरी से काम नहीं तैबा की सरजमी
खुद जिसकी गोद में सिमट आया खुदा का नूर
ताफिर क्या बाया हो जमाल-ए-रसूल की
शक्ल-ए-बसर में वो हो सरापा खुदा का नूर

ऐ राज तू तो रूह में मौजूद है मगर
दिल नात पड रहा ही मोहम्मद के शहर में
मैं क्या कहू के क्या है मोहम्मद के शहर में
पे पर्दा खुद खुदा है मोहम्मद के शहर में

असलम वो दिन भी आए के सब लोग ये कहे
बिस्मिल भी जा रहा है मोहम्मद के शहर में
बिस्मिल भी जा रहा है मोहम्मद के शहर में
बिस्मिल भी जा रहा है मोहम्मद के शहर में

बिस्मिल भी जा रहा है मोहम्मद के शहर में
बिस्मिल भी जा रहा है मोहम्मद के शहर में
बिस्मिल भी जा रहा है मोहम्मद के शहर में

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Qawwali Information:
Qawwali: Mohammad Ke Shaher Mein
Artist: Aslam Sabri
Music: Md. Tahir
Presenter: Sonic Enterprises


Mohammed Ke Shaher Mein Lyrics

Mohammed Ke Shaher Mein is one of the best Qawwali by Aslam Sabri.

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